संविधान की विशेषताए 


  1.  भारत का संविधान एकल संविधान है जो संध और राज्यो दोनो पर लागू होता है। एकल संविधान सिर्फ संसद को संविधान में संशोधन करने का अधिकार देता है। जैसे नए राज्यो का गठन, उनकी सीमा में बदलाव करने का अधिकार सिर्फ संसद के पास  है। 
  2. भारतीय संविधान का निर्माण एक विशेष संविधान सभा द्वारा किया गया है।जिसमे प्रारूप समिति का अध्यक्ष भीमराव अम्बेडकर को बनाया गया था। इस संविधान का अधिकांश भाग लिखित रूप में है।
  3. भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ लिखित संविधान है।इस संविधान का निर्माण करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था। इसमे कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका आदि की रचना की प्रक्रिया, उनकी कार्य प्रणाली, आम जनता के अधिकार और उनके कर्त्तव्यो आदि के विषय मे स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।
  4. भारत का संविधान नम्यता और अनम्यता का अनोखा  मिश्रण है। यह न तो अमेरिका के संविधान कि तरह कठोर है, और न ही इग्लैंड के संविधान कि तरह लचीला है। अनम्यता का मतलब है कठोर अर्थात कठोर संविधान में संशोधन करने के लिए संसद में 2/3rd बहुमत का होना आवश्यक है।
  5. भारत का संविधान देश के प्रत्येक व्यक्ति को एकल नागरिकता  प्रदान करता है। कोई भी राज्य किसी अन्य राज्य के वासी के आधार पर भेदभाव नही कर सकता। कोई भी व्यक्ति अगर किसी दुसरे देश कि नागरिकता स्वेच्छा से ग्रहण करता है तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाएगी।
  6. भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिको को जाति, धर्म,  लिंग,  वंश आदि के आधार पर भेदभाव किए बगैर मतदान करने का अधिकार देता है।
  7. मूल संविधान में केवल मौलिक अधिकार का उल्लेख किया गया था। परन्तु 42वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा नागरिको को 10 मौलिक कर्तव्य प्रदान किए गए। परन्तु वर्तमान समय में इनकी संख्या 11 है।
  8. मौलिक अधिकार  अमेरिका के संविधान से लिया गया है। यह अधिकार भारत के नागरिकों  के साथ-साथ विदेश नागरिको को भी प्राप्त है। संविधान लागू होने के समय मौलिक अधिकारो की संख्या 7 थी परन्तु 44वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा सम्पत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार बना दिया।
  9. राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को आयरलैंड के संविधान से लिया गया है। जो कि अनुच्छेद 36 से लेकर 51 तक है। इसके अंतर्गत  राज्य द्वारा अनुकरणीय तत्व और सामाजिक सुरक्षा सम्बंधी तत्वो को शामिल किया गया  है, जिससे जनता के जीवन को अधिक से अधिक  सुखी बनाने का प्रयास किया जा सके।
  10. संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल का जिक्र किया गया है। राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्य आपातकाल (अनुच्छेद 356) और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)। तीनो आपातकाल की उद्घोषणा राष्ट्रपति करता है। राष्ट्रपति कैबिनेट की सलाह पर यह उद्घोषणा करता है।